Shrimant Bhausaheb Rangari Ganapati | ज्ञानेश्वर माऊली की पालकी यात्रा में सहभागी होनेवाले सम्मान के दो अश्व श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति के चरणों में

पुणे : Shrimant Bhausaheb Rangari Ganapati | संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी (Dnyaneshwar Maharaj Palkhi 2025) यात्रा में सहभागी होनेवाले दो अश्वों ने हिंदुस्तान के पहले सार्वजनिक गणपति श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति के दर्शन लिए। इस अवसर पर भक्त तथा मान्यवरों की उपस्थिति में आरती की गई। (Bhau Rangari Ganpati)
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अंकली (कर्नाटक) स्थित श्रीमंत शितोळे सरकार के अश्व हर साल अंकली से पैदल आकर संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी यात्रा में सहभागी होते हैं। संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी में इन दो अश्वों को सम्मान का स्थान होता है।
१९ जून को ज्ञानेश्वर माऊली पालकी यात्रा का पंढरपुर की ओर प्रस्थान होगा। इस समय दोनों अश्व पंढरपुर तक पालकी के साथ रहेंगे। वारकरी संप्रदाय में वर्ष १८३२ से यह समृद्ध परंपरा चलती आ रही है। पालकी का प्रस्थान होने के पश्चात संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज के रथ के सामने जो अश्व होता है वह माऊली का अश्व होता है। दूसरा अश्व सवारी का अश्व होता है । ऐसे दो अश्व पालकी समारोह में सहभागी होते हैं। अंकली स्थित शितोले राजे इन सम्मान के अश्वों की परंपरा चला रहे है।

मंगलवार को इन अश्वों ने श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति के दर्शन लिए। तत्पश्चात श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट द्वारा श्रीमंत उर्जितसिंह राजे शितोले सरकार, श्रीमंत महादजीराजे शितोले सरकार को सम्मानित किया गया। इस समय ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री संजीव जावले समेत न्यासी, भक्त तथा कार्यकर्ताएं उपस्थित थे।