Ganeshotsav In Kashmir | भव्य विसर्जन जुलूस के साथ कश्मीर के सार्वजनिक गणेशोत्सव का समापन; पांच दिन के गणपति बाप्पा की भावपूर्ण विदाई (Video)
पुणे : कश्मीर घाटी में पांच दिन के सार्वजनिक गणेशोत्सव का भव्य विसर्जन जुलूस का बुधवार को समापन हो गया. इस दौरान बाप्पा को दिल की गहराई से भावपूर्ण विदाई दी गई.
विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ अन्य कई उपक्रम इस उत्सव पर आयोजित किए गए थे. इसमें कश्मीर के स्थानीय नागरिक उत्साह के साथ शामिल हुए. भारत के नंदनवन माने जाने वाले कश्मीर घाटी में 34 वर्ष तक गणेशोत्सव नहीं मनाया गया, इस बात को ध्यान में रखते हुए कश्मीर में फिर से गणेशोत्सव मनाने के लिए ‘श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट (Shrimant Bhausaheb Rangari Ganpati) के उत्सव प्रमुख व ट्रस्टी पुनीत बालन (Punit Balan) ने पहल की. पुणे के मान के सात गणपति मंडलों ने एकसाथ आकर इसके लिए कदम उठाया और पिछले वर्ष कश्मीर के लाल चौक में डेढ़ दिन का गणपति उत्सव मनाया गया. इस वर्ष कुपवाडा व अनंतनाग इन दो जगहों पर पांच दिन का गणेशोत्सव मनाया गया. बुधवार को इन दोनों जगहों पर गणराय का भव्य जुलूस के बाद विसर्जन किया गया.
इनमें पहली जुलूस गणपतीयार मंदिर से हबा कडल के झेलम नदी तक और दूसरी जुलूस वेसू केपी कॉलोनी से संगम अनंतनाग तक करीब 11 किमी की दूरी तक निकली. इन दोनों जुलूस में स्थानीय वाद्य बजाया गया. इनमें स्थानीय कश्मीरी नागरिक बड़े भक्ति भाव से शामिल हुए थे.
बाप्पा को मीठी रोटी का नैवद्य
कश्मीर के गणेशोत्सव की महत्वपूर्ण विशेषता यानी बाप्पा की होने वाली पन्ना पूजा है. इसमें श्री गणेश को मीठी रोटी का नैवद्य अर्पित किया जाता है. इस पूजा को एकता और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है.
काश्मीर में लगातार दूसरे वर्ष सार्वजनिक गणेशोत्सव निर्विघ्न रुप से सम्पन्न हुआ है. पुणे के सातों प्रमुख गणेश मंडलों ने इसके लिए पहल की. आगामी समय में यह उत्सव और भव्य तरीके से मनाने का हमारा प्रयास रहेगा. कश्मीर घाटी के सभी गणेश मंडलों और नागरिकों के हम आभारी है.
- पुनीत बालन (उत्सव प्रमुख, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति)
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