Ganeshotsav In Kashmir Valley | अगले साल से कश्मीर के पांच जिलों में होगी गणेशोत्सव की धूम; कश्मीर के गणेश मंडलों के कार्यकर्ताओं का पुणे में निश्चय

कश्मीर घाटी स्थित तीन मंडलों को गणेश मूर्तियां प्रदान; युवा उद्योजक पुनीत बालन समेत सम्मान के गणेश मंडलों पहल
पुणे : कश्मीर घाटी में करीबन 34 सालों बाद पिछले दो सालों से फिर से सार्वजनिक गणेशोत्सव शुरू हुआ है। फिलहाल तीन जगहों पर यह सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। अगले साल से कश्मीर के पांच जिलों में सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाएगा ऐसा निश्चय कार्यकर्ताओं ने पुणे में व्यक्त किया।
कश्मीर के लाल चौराहे में वर्ष 2023 से डेढ़ और पांच दिनों का गणेशोत्सव मनाया गया। उसके बाद तीन जगहों पर यह उत्सव मनाया गया। इस साल फिर से तीन जगहों पर गणेशोत्सव मनाया जाएगा। उसके लिए पुणे के सम्मान के गणपतियों की मूर्तियां विधिवत पूजा कर कश्मीर के गणेश मंडलों के कार्यकर्ताओं प्रदान की गई।
केसरीवाड़ा गणपति की मूर्ति लाल चौक गणपति मंडल को, अखिल मंडई शारदा गजानन की मूर्ति श्रीनगर स्थित इंदिरानगर मंडल को तथा साऊथ कश्मीर में श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल की मूर्ति प्रदान की गई।
इस समय श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल के उत्सव प्रमुख तथा ट्रस्टी पुनीत बालन समेत अखिल मंडई मंडल के सूरज थोरात, केसरी गणपति के अनिल सपकाल, गुरुजी तालीम मंडल के पृथ्वीराज परदेशी, तुलसीबाग मंडल के विनायक कदम, जोगेश्वरी मंडल के प्रसाद कुलकर्णी, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति के अध्यक्ष संजीव जावले समेत कश्मीर स्थित मोहित भान, संदीप रैना, सनी रैना, अमित कुमार भट, संदीप कौल, शिशान चकू, उदय भट इन गणेश मंडलों के प्रमुख पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताएं उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्रीनगर स्थित लाल चौराहे के गणपति यार मंडल के मोहित भान ने कहा कि, “तीन साल पहले पुनीत बालन समेत कश्मीर में फिर से सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाने को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने इसके लिए सभी प्रकार से सहयोग देने का आश्वासन दिया था और पहले ही साल डेढ़ और पांच दिनों का सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया गया। पिछले साल हमनें तीन जगहों पर उत्सव मनाया। महाराष्ट्र में जिस तरीके से गणेशोत्सव मनाया जाता है उस तरीके से कश्मीर में भी उत्सव मनाया जाए यह हमारी इच्छा है। उसके लिए अगले साल पांच जगहों पर गणेशोत्सव मनाने का हमारा नियोजन है। बाप्पा के आशीर्वाद से कश्मीरी पंडित फिर से पहले जैसे सुख संतोष से वहां रहें यही हमारी प्रार्थना है। “
कोट
‘‘पुणे के वैभवशाली गणेशोत्सव 175 देशों में मनाया जाता है, लेकिन हमारे कश्मीर में 1989 के बाद सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाना बंद हो गया। यह कमी पिछले दो सालों से पूरा करने की हम सब मिलकर कोशिश कर रहे है। इस कोशिश को पुणे तथा कश्मिर के कार्यकर्ताओं ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया। परिणामस्वरूप गणपति बाप्पा मोरया की जयजयकार अब भारत का स्वर्ग होनेवाले कश्मीर में भी होगा इस बात का संतोष है। उसके लिए सहयोग देनेवाले पुणे के मंडल तथा कश्मीर के कार्यकर्ताओं के मन से आभार व्यक्त करता हूं।
पुनीत बालन (उत्सव प्रमुख तथा ट्रस्टी, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति)