Indrani Balan Foundation | ऐतिहासिक स्मारकों की स्वच्छता व देखभाल के लिए युवा उद्यमी पुनीत बालन की पहल
इंद्राणी बालन फाउंडेशन और पुरातत्त्व विभाग के बीच हुआ करार
पुणे : Indrani Balan Foundation | समाजिक कार्यों में हमेशा अग्रसर रहने वाले युवा उद्यमी पुनीत बालन (Young Entrepreneur Punit Balan) ने जिले के ऐतिहासिक स्मारकों की स्वच्छता और देखभाल की जिम्मेदारी ली है. इंद्राणी बालन फाउंडेशन और राज्य पुरातत्त्व विभाग (Department of Archaeology) के बीच इसे लेकर हाल ही में करार हुआ है.
पुणे जिले के सिंहगढ़ किले (Sinhagad Fort) पर छत्रपति राजाराम महाराज की समाधि, वढू बुद्रुक में स्वराज्यरक्षक छत्रपति संभाजी महाराज का समाधि स्थल, राजगुरुनगर के शहीद शिवराम हरि राजगुरु का जन्म स्थल और तुलापुर के महादेव मंदिर जैसे राज्य संरक्षित स्मारक इसमें शामिल है. इन सभी जगहों पर वर्षभर हजारों पर्यटक आते रहते है. सार्वजनिक छुट्टी के दिनों पर यह संख्या कई गुणा बढ़ जाती है. इन स्थलों को लेकर देश के नागरिकों के मन में एक आस्था और स्वाभिमान की भावना है. इन जगहों की देखभाल होना आवश्यक है. इन स्मारकों की दैनिक सफाई और देखभाल करने की इच्छा युवा उद्यमी पुनीत बालन ने राज्य पुरातत्व विभाग के सहायक संचालक विलास वाहणे से पत्र के जरिए जताई थी. पुरातत्व विभाग ने इसे तत्काल परमिशन दे दी. इसके अनुसार इन सभी स्मारकों की जगह पर सामाजिक संस्था दायित्व योजना के तहत इंद्राणी बालन फाउंडेशन के जरिए सात सुरक्षा रक्षक कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही इन स्मारकों से सटे परिसर की दैनिक सफाई, देखभाल व परीक्षण फाउंडेशन के जरिए की जाएगी.
इसे लेकर पुरातत्व विभाग के सहायक संचालक डॉ. वाहणे ने कहा कि ‘सामाजिक संस्था दायित्व योजना के तहत चार संरक्षित स्मारकों की देखभाल का दायित्व ‘इंद्राणी बालन फाउंडेशन की तरफ से शिवप्रेमी तथा युवा उद्यमी पुनीत बालन ने स्वीकार की है, इसकी प्रशंसा करते हुए स्वागत करता हूं. पुरातत्व विभाग के अधीन राज्य संरक्षित स्मारकों की दैनिक देखभाल के लिए लोगों की सहभागिता बढ़ रही है. यह बेहद प्रशंसनीय बात है. इससे स्मारकों को स्वच्छ रखने व देखभाल करने में मदद मिलेगी. अपनी धरोहर को सहेजने के लिए अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए.
‘‘महाराष्ट्र को महापुरुषों की एक महान विरासत मिली है. उनके स्मारक हमेशा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी होते है. पुणे शहर और आसपास के परिसर में महापुरुषों के कई स्मारक और धार्मिक स्थल है. इनकी व्यवस्थित देखभाल व वहां सफाई रखना आवश्यक है. इस बात को ध्यान में रखते हुए और स्मारक की पवित्रता बनाए रखने की भावना से सामाजिक दायित्व योजना के तहत उनकी सुरक्षा और स्वच्छता की जिम्मेदारी स्वेच्छा से स्वीकार की है.
- पुनीत बालन, युवा उद्यमी.