Journalist Prasad Gosavi – Organ Donation | पुणे: प्रसाद गोसावी बने अंगदान करने वाले पहले पत्रकार ! मौत को हराने में रहे असफल लेकिन.. हार्ट आज भी धड़क रहा! (Video)

सेना के जवान सहित पांच मरीजों को मिला नया जीवन
पुणे : Journalist Prasad Gosavi – Organ Donation | पुणे के न्यूज पोर्टल ‘पोलिसनामा’ के वरिष्ठ रिर्पोटर प्रसाद गजानन गोसावी का रविवार 1 सितंबर को निधन हो गया. पौने दो महीने पहले गंभीर हादसे के बाद उनका निगडी के प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था. ऐसा लग रहा था कि वे मौत को मात दे देंगे. लेकिन इसी बीच प्रसाद ने आखिरी सांस ली. इसके बाद प्रसाद के अंगों का दान किया गया. इस प्रशंसनीय निर्णय से प्रसाद अंगदान करने वाले पहले पत्रकार बन गए है. इतना ही नहीं उनकी मौत के बाद कुछ ही घंटों में उनका हार्ट दूसरे एक सेना के जवान के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित भी कर दिया गया. ऐसे में प्रसाद मौत के साथ चल रहे संघर्ष में भले हार गए हो इसके बावजूद आज भी उनका दिल धड़क रहा है. हार्ट के साथ उनका दो फेफड़ा, लीवर, व एक किडनी व दो आंखें दान की गई है. इसके जरिए कुल पांच मरीजों को नया जीवन मिला है. (Journalist Prasad Gosavi – Organ Donation)
प्रसाद गोसावी सवा महीने पहले बाइक से ऑफिस से घर जा रहे थे. तभी खडकी रेल्वे स्टेशन के पास उनका गंभीर हादसा हुआ था. इसके बाद से उनका निगडी के प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था. इस हादसे में उनके मष्तिस्क और पैर में गंभीर चोट लगी थी. डॉक्टरों के सामने उनकी जान बचाने की चुनौती थी. उपचार के दौरान पैर में संवेदना नहीं होने की वजह से दुर्भाग्य से उनका दाया पैर काटने का निर्णय लेना पड़ा. क्योंकि उनकी जान बचाना महत्वपूर्ण था. इसके बाद उनकी हालत सुधर रही थी. तभी अचानक मष्तिस्क में रक्तस्त्राव होने से उन्होंने होश गंवा दी. डॉक्टरों ने काफी प्रयास किया लेकिन प्रसाद की तबीयत में सुधार नहीं आ रहा था. आखिरकार डॉक्टरों ने प्रसाद को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इस खबर से प्रसाद के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. लेकिन इस परिस्थिति में बगैर डगमगाए उन्होंने प्रसाद का अंग दान करने का निर्णय लिया. प्रसाद की आंख, हार्ट, दो फेफड़ा, लीवर, एक किडनी जैसे अंग निकाल लिए गए.
प्रसाद का हार्ट लेने के लिए पिंपरी से पुणे तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था. पुलिस व सेना के जवानों की सुरक्षा में उनका हार्ट पुणे की दिशा में रवाना किया गया. इस दौरान डी वाई पाटिल हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर व कर्मचारियों ने प्रसाद को सलामी दी. इतना ही नहीं बल्कि उनकी मौत के बाद कुछ ही घंटे में उनका हार्ट पुणे के सदर्न कमांड हॉस्पिटल में ले जाया गया.
वहां पर एक जवान पर हार्ट का प्रत्यारोपण ऑपरेशन के जरिए सफलतापूर्वक किया गया. अंगदान के बाद उनका शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया. निगडी के श्मशान भूमि में उनके पार्थिव शरीर का शोकाकुल वातावरण में अंतिम संस्कार किया गया.
आज प्रसाद दुनिया में नहीं है फिर भी उनका हार्ट आज भी धड़क रहा है. भविष्य में कोई उनकी आंखों से इस दुनिया को देख पाएगा. लीवर, फेफड़ा व किडनी मिलने से संबंधित मरीजों को नया जीवन मिलेगा. अपनी मौत के बाद अंगदान करने वाले पहले पत्रकार के तौर पर प्रसाद गोसावी हमेशा याद किए जाएंगे.