Pune Ganeshotsav | गणेश मंडलों पर 100 वॉट से ज्यादा क्षमता का ध्वनिक्षेपक इस्तेमाल करने पर रोक; ढोल-ताशा पथक पर भी प्रतिबंध
पुणे : Pune Ganeshotsav | गणेशोत्सव के दौरान ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए उपाय करने की मांग की गई थी. इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पश्चिम विभागीय खंडपीठ ने शुक्रवार को आदेश जारी किया. इसमें महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल के साथ पुणे पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण कम करने का आदेश दिया है. प्रत्येक गणेश मंडल को १०० वॉट से अधिक क्षमता के ध्वनिक्षेपक लगाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है. ढोल-ताशा पथक में 3० से अधिक वादकों के शामिल करने पर भी रोक लगाई गई है.
गणेशोत्सव में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण की समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर रुप धारण करती जा रही है. इसे देखते हुए डॉ. कल्याणी मांडके ने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी. इनमें राज्य सरकार, जिलाधिकारी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुणे महापालिका और पुणे पुलिस को प्रतिवादी बनाया गया था.
गणेश मंडलों को १०० वॉट से अधिक क्षमता का ध्वनिक्षेपक इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई है.
इसके साथ ही महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुलिस से चर्चा कर गणेश मंडलों की जगह को देखकर इसकी क्षमता तय करे. इन मंडपों का आकार और परिसर के स्कूल, हॉस्पिटल, आवासीय इमारतों पर विचार करने का जिक्र आवेदन में किया गया है.
‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रत्येक गणेश मंडल के मंडप के परिसर
में तीन जगहों पर हर दिन ध्वनी प्रदूषण का स्तर मापे. प्रत्येक गणेश मंडल के मंडप
के दर्शनी भाग में दो जगह पर फलक लगाकर पहले दिन ध्वनि प्रदूषण का स्तर लिखे.
इन फलकों में सीमा से अधिक आवाज स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. यह भी लिखे.
इन सबके साथ इस पर होने वाले खर्च करने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर हो.
इस तरह का आदेश ट्रिब्यूनल ने दिया है.
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