Shobhatai R Dhariwal | पृथ्वी को बचाना हो तो पर्यावरण बचाना समय की आवश्यकता, शोभाताई आर धारीवाल ने व्यक्त किए विचार

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Shobhatai Dhariwal

पुणे : Shobhatai R Dhariwal | जैन धर्म में संस्कार और मूल्य की परंपरा हजारों सालों से चलती आ रही है। धर्म में अनेक मंत्र बताएं गए है उनमें से उवसग्गहरं मंत्र संकट पर मात करनेवाला है। इसी मंत्र से श्रीमान रसिकशेठ धारीवाल साहेब अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे तब चिकित्सा सेवा के साथ ही हर रोज के जाप से सकारात्मक उर्जा तैयार होकर प्राण बच सकते है ऐसी मेरी धारणा थी। इसलिए मैं रसिकलाल एम धारीवाल फाउंडेशन द्वारा हर साल सामूहिक स्तोत्र पठण जाप आयोजित करती हूं। इस से समाज में सकारात्मक भावना बनेगी। इस प्रकार का कार्यक्रम का आयोजन करना यह सामाजिक आवश्यकता है। इसमें केवल जैन समाज ही शामिल नहीं होता बल्कि गैरजैन समाज भी बड़ी संख्या में स्तोत्र पठण का लाभ लेते है। इस साल यह नौवां वर्ष है और इतने बड़े पैमाने पर खुद होकर उपस्थित रहनेवाले सभी का स्वागत करती हूं। (Shobhatai R Dhariwal)

आर एम डी फाऊंडेशन द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा तथा पर्यावरण क्षेत्र में भारत भर कार्य किया जाता है। जरूरतमंद तथा बुध्दीमान छात्रों को छात्रवृत्ति द्वारा उच्च शिक्षा के लिए मदद की जाती है। आए दिन निर्माण कार्य के लिए पेड़ काटे जाते है। इस समस्या पर पौधा रोपण से भी ज्यादा वृक्ष फिर से लगाना यह प्रभावी उपाय है। इस पर गौर करते हुए फाउंडेशन की अध्यक्षा जाह्नवी धारीवाल बालन द्वारा 50 से 100 साल पूराने बड़े पेड़ बचाने की मुहिम हाथ में ली गई है। अब तक 2100 से भी अधिक पेड़ों को बचाने में सफलता मिली हुई है। पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण बचाएं यह आह्वान भी शोभाताई ने किया।

इस समय उन्होंने डीजे मुक्त दी हंडी उत्सव मनानेवाले बालन ग्रुप के अध्यक्ष पुनीत बालन की सराहना करते हुए कहा कि जाह्नवी धारिवाल बालन और पुनीत बालन ने पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है। इसलिए दोनों का अभिनंदन करती हूं।

इस साल 17 अगस्त को 2025 रविवार की शाम 4 बजे पद्मश्री आचार्य चंदनाजी, पू .श्री मुकेश मुनिजी , पू . श्री जयप्रभ विजयजी , पू .श्री आगमचंद्रजी स्वामी की उपस्थिति में ” उवसग्गहरं स्तोत्र का ‘सामूहिक जाप का आयोजन श्रीमान रसिकलालजी एम धारीवाल स्थानक बिबवेवाड़ी पुणे में किया गया था।

छोटी उम्र में ही जाह्नवी ने बिहार स्थित विरायतन संस्था के कार्य में बड़ा योगदान दिया है। वर्तमान में संस्था द्वारा शुरू रुग्णसेवा,शिक्षा कार्य में भी उनका योगदान चलता आ रहा है। मैं उनको बहूत बहूत आशीर्वाद देता हूं। यह बात आचार्य पद्मश्री चंदनाजी ने कही।
पू . श्री जयप्रभ विजयजी ने उवसग्गहरं स्तोत्र का महत्व श्रावकों को समाझाया। जबकि पू .श्री आगमचंद्रजी स्वामी ने इस प्रकार के उपक्रम योग्य है और उसका लाभ सभी लें यह आह्वान किया। पू .श्री मुकेश मुनिजी ने इस प्रकार का सामूहिक स्तोत्र जाप लोगों के लिए लाभदायक होने का कहकर आशीर्वाद किए।

कार्यक्रम के लिए श्री पुनीत बालन ,पोपटशेठ ओसवाल, श्री वालचंदजी संचेती ,श्री विजयकांतजी कोठारी ,अचल जैन, विविध जैन संस्थांओं के पदाधिकारी,जानेमाने उद्योजक, तथा शोभाताई आर धारीवाल छात्रावास एफसी रोड, शोभाबेन आर धारिवाल छात्रालय डेक्कन तथा शोभाताई आर धारीवाल छात्रावास चिंचवड़ स्थित छात्र एवं छात्राएं, विविध गणेश मंडलें , आलंदी स्थित वारकरी संप्रदाय के भक्त तथा जैन- गैरजैन बंधू भगिनी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। स्तोत्र पठण के बाद सभी भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया था।

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