Shrimant Bhausaheb Rangari Ganapati | विसर्जन जुलूस में सम्मान के पांचवें गणपति के पीछे होंगे अखिल मंडई मंडल एवं श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति

अखिल मंडई मंडल और श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
पुणे : Shrimant Bhausaheb Rangari Ganapati | अखिल मंडई मंडल (Akhil Mandai Mandal) तथा श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के बाप्पा इस साल से गणपति विसर्जन जुलूस में शाम के बजाय सम्मान के पांचों गणपति तिलक पुतले से मार्गस्थ होने के बाद उनके पीछे ही शामिल होंगे। यह महत्वपूर्ण निर्णय दोनों ट्रस्टों द्वारा लिया गया है।
इस विषय की जानकारी देने के लिए आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल मंडई मंडल के अध्यक्ष अण्णा थोरात (Anna Thorat), श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के ट्रस्टी और उत्सव प्रमुख पुनीत बालन (Punit Balan), अध्यक्ष संजीव जावले, अखिल मंडई मंडल के संजय मते और विश्वास भोर आदि उपस्थित थे।
वैभवशाली गणपति विसर्जन जुलूस में लक्ष्मी रोड से शामिल होनेवाले अखिल मंडई मंडल तथा श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के बाप्पा पूरे विश्व के गणेशभक्तों के लिए मुख्य आकर्षण होते हैं। लेकिन इस साल से दोनों गणपति शाम के बजाय सम्मान के गणपति के पीछे ही जुलूस में शामिल होंगे। इस निर्णय की जानकारी देने हेतु पत्रकार वार्ता आयोजित की गई थी। इस समय अखिल मंडई मंडल के अध्यक्ष अण्णा थोरात, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के ट्रस्टी तथा उत्सव प्रमुख पुनीत बालन, अध्यक्ष संजीव जावले आदि उपस्थित थे।
अण्णा थोरात ने कहा कि, गणोशोत्सव यह धार्मिक उत्सव है जिसका पूरे दस दिन उसका महत्व होता है। विसर्जन का दिन अधिक महत्वपूर्ण होता है। इस साल अनंत चतुर्दर्शी 6 सितंबर को है और दूसरे दिन 7 सिंतबर को खग्रास चंद्रग्रहण है। ग्रहण के दौरान सभी देवों की मूर्तियां झकने की प्रथा है। इसलिए दोपहर 12 बजे से पहले मंडलों की मूर्तियां मंदिर में आना आवश्यक है।
पिछले तीन सालों से पुलिस द्वारा दिए गए समय को शाम सात बजे श्री की आरती कर हम जुलूस में शामिल होने के लिए तैयार होते है जिसके बावजूद पुलिस प्रशासन असहयोग की भूमिका अपनाते हुए हमें समय पर जुलूस में शामिल करा के नहीं लेता। इसलिए इस साल हमनें यह निर्णय लिया है। सभी गणेश मंडलों को हम आह्वान कर रहे है कि, इस साल जुलूस दोपहर 12 से पहले खत्म करें।
पुनीत बालन ने कहा कि, ग्रहण समय रविवार 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 37 मिनटों को शुरू होने जा रहा है। उस से पहले आधा घंटा सभी गणेशोत्सव की मूर्तियां मंदिर में ले जाना आवश्यक है। इसके लिए विसर्जन जुलूस जल्द खत्म होना आवश्यक है। इस बात को देखते हुए हम सम्मान के पांचों गणपति तिलक पुतला चौक से आगे मार्गस्थ होने के बाद उसके पीछे ही जुलूस में शामिल होंगे। सभी गणेश मंडलों द्वारा सहयोग किया गया तो पुलिस और प्रशासन पर होनेवाला तनाव कम होने में मदद होगी।