Pune Crime News | ठोस कचरा प्रबंधन की आड़ में फर्जी कंपनी बनाकर 2 करोड़ 66 लाख की ठगी करने वाले तीन को वानवडी पुलिस ने किया गिरफ्तार

110 लोगों से ठगी, सात लोगों पर केस दर्ज
पिंपरी: ठोस कचरा प्रबंधन के तहत विभिन्न फर्जी कंपनियां बनाकर उसमें निवेश कराया. और किराये पर वाहन लेने की बात कहकर कार, बाइक, जेसीबी जैसे वाहन खरीदे. इन वाहनों को किराये पर लेकर परस्पर बेचने का मामला सामने आया है. करीब ११० लोगों से २ करोड़ ६६ लाख ९५ हजार 3०२ रुपए की ठगी की. इस मामले में वानवडी पुलिस ने ७ लोगों पर केस दर्ज कर एक को गिरफ्तार कर लिया है.
इस मामले में ज्ञानेश खंडु शिंदे (उम्र २४, नि. अवसरी बु़ ता. आंबेगांव) ने वानवडी पुलिस से इसकी शिकायत की है. इसके आधार पर पुलिस ने संकेत सुधीर थोरात (उम्र 3०, नि. हांडेवाडी), सोनु नवनाथ हिंगे (उम्र २९), रिजवान फारुख मेमन (उम्र ४४, नि. गणेश पेठ) को गिरफ्तार किया गया है. जबकि प्रणय उदय खरे (उम्र 3२), वृषाली संतोष रायसोनी (उम्र २४, नि. बिबवेवाडी), विजय चंद्रकांत आशर (उम्र ६५, नि. इस्कॉन मंदिर के पास, टिलेकरनगर, कोंढवा) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. यह घटना वानवडी के जगताप चौक के सेक्रेड वर्ल्ड इमारत के शॉप मेकं अक्टूबर २०२४ से अब तक चल रही थी.
इस मामले में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता के परिचय के सोनू हिंगे ने उसे बताया कि, वह बायो फिक्स प्रो कंपनी का वेंडर है. कंपनी ठोस कचरा प्रबंधन का काम करती है. कंपनी में जेसीबी की आवश्यकता है. साथ ही कंपनी जेसीबी किराये पर भी लेने को इच्छुक है. कंपनी में जेसीबी इस्तेमाल के लिए दिन जाने के बाद कंपनी द्वारा किराये के तौर पर हर महीने १ लाख 3० हजार रुपए भाड़ा दिया जाएगा. इसके अलावा जीएसटी कंपनी ७ वर्ष यह रकम जमा करेगी. यह अच्छा लगने की वजह से १४ दिसंबर २०२४ को यह जेसीबी 3९ लाख रुपए में खरीद लिया. दूसरे दिन इसे बायोफिक्स प्रो कंपनी को किराये पर इस्तेमाल के लिए दिया. उसने किराये के तौर पर हुए लाभ में से जनवरी २०२५ में ६० हजार रुपए दिया.
उसे बाकी रकम नहीं दी गई. वह यह भी नहीं बता रहा था कि उसकी जेसीबी कहां है. इसी उनकी जेसीबी उंड्री के गोदाम में नजर आई. उन्होंने रिजवान मेमन से इसे बारे में पूछा तो उसने बताया कि दर्पण ठक्कर की मध्यस्थता पर उसने कई जेसीबी, पोकलैंड खरीदा है. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि आरोपियों ने बायोपिक्स प्रो ग्लोबल मुफेडको, म्युफ्याको कंपनी व भारत इंडस्ट्रिज कंपनी में निवेशकों को अच्छा किराया दिलाने का झांसा देकर उनकी गाड़ियां खरीद ली. लेकिन उसने किराये में तय रकम न देकर कुछ गाड़ियों कसे बेचकर मुनाफ कमाया. गाड़ियों के पार्ट पूर्जे भंगार बाजार में बेच दिया.
कुछ गाड़ियों का पता नहीं चल पाया है. करीब १५० से अध्सिक निवेशक है. इन सभी पर वानवडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है. इनमें से कई कार, छोटा हत्ती, टेम्पो, जेसीबी, ऑरगॅनिक वेस्ट कम्पोस्टर मशीन खरीदी गई. सोनु हिंगे व संकेत थोरात के कहने पर ही वाह को कंपनी को किराये पर इस्तेमाल के लिए दिया. इसका किराया नहीं दिया उल्टे इस वाहन को ठिकाने लगाकर करीब २ करोड़ ६६ लाख ९५ हजार 3०२ रुप कर ठगी की. यह जानकारी वानवडी पुलिस को अब मिली है. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस निरीक्षक (क्राइम) गोविंद जाधव मामले की जांच कर रहे है.