Pune ACB News | नियुक्ति बिगारी सेवक के तोर पर लेकन काम मिला क्लर्क का, वारिस पंजीकरण के लिए मांगी रिश्वत, एंटी करप्शन ब्यूरो ने दर्ज किया केस

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पुणे: वारिस पंजीकरण के लिए महिला ने २ हजार रुपए की रिश्वत मांगी. इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की गई. जांच में बिगारी सेवक के तौर पर नियुक्त होने के बावजूद डिग्रीधारी क्लर्क का काम दिया गया नजर आया.

रिश्वत मांगने वाली महिला का नाम छाया यशवंत जातेंगावकर (कुकडे) (उम्र ५७) है. वह सिंहगढ़ रोड क्षेत्रीय कार्यालय के टैक्स कलेक्शन विभाग में कार्यरत है.

इस मामले में एक ४६ वर्षीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के पिता का ७ जुलाई २०१२ में निधन हुआ. उनके घर की प्रॉपर्टी पर टैक्स कलेक्शन विभाग में वारिस होने का पंजीकरण कराने के लिए वे छाया जातेंगावकर से मिले. जातेंगावकर बिगारी सेवक के तौर पर नौकरी करती है इसके बावजूद उनकी शिक्षा बी कॉम है. इसलिए उसे कार्यालय में क्लर्क का काम दिया गया है. उनके अंडर २ ठेका कर्मचारी काम करते है. उन्होंने शिकायतकर्ता से २ हजार रुपए की रिश्वत मांगी. २४ जनवरी को इस तरह की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को मिली. इसके बाद २७ जनवरी को इसकी जांच की गई. इसमें समझौते के बाद सरकारी फीस को छोड़कर १ हजार रुपए की रिश्वत मांग कर उसे स्वीकार करने को तैयार होने की बात सामने आई. इसके बाद जाल बिछाकर कार्रवाई नहीं की गई. लेकिन रिश्वत मांगने की बात साफ होने पर महिला के खिलाफ सिंहगढ़ रोड पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक शिरीष सरदेशपांडे, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. शीतल जानवे के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई. पुलिस निरीक्षक विजय पवार मामले की जांच कर रहे है.

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