Pune Police on Bopodi Land Scam | पुणे पुलिस ने बोपोडी ज़मीन घोटाले में पार्थ पवार, शीतल तेजवाणी और अमेडिया कंपनी को दी क्लीन चिट

Pune Police On Bopodi Land Scam | Parth Pawar, Sheetal Tejwani, Amedia Company given clean chit in Bopodi land scam; Deputy Commissioner of Police Vivek Masal says they have no connection

पुणे: बोपोडी ज़मीन घोटाले (Pune Police on Bopodi Land Scam) मामले में पुणे पुलिस ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार, शीतल तेजवाणी और अमेडिया कंपनी को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस उपायुक्त विवेक मासाल ने स्पष्ट किया कि इनका इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है।

खड़क पुलिस थाने में महसूल विभाग की शिकायत के आधार पर मुंढवा और बोपोडी ज़मीन घोटालों के संबंध में केस दर्ज किया गया था।
जांच में पता चला कि ये दोनों मामले अलग-अलग हैं और बोपोडी ज़मीन गैरव्यवहार में न तो पार्थ पवार, न अमेडिया कंपनी, और न ही शीतल तेजवाणी का कोई रोल है।

यह मामला अब पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा गया है। जांच के दौरान महसूल विभाग के अधिकारियों के साथ पत्राचार किया गया है और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की मांग की गई है। पुलिस के अनुसार, कोरेगांव पार्क ज़मीन लेनदेन मामले में आरोपी अमोडिया कंपनी का भी बोपोडी प्रकरण से कोई संबंध नहीं है।

दोनों मामलों में तहसीलदार सूर्यकांत येवले मुख्य आरोपी हैं। प्राथमिक जांच में यह साबित हुआ है कि उन्होंने संगनमत कर अवैध आदेश और दस्तावेज तैयार किए, जिससे सरकार को धोखा दिया गया। इस प्रकरण में येवले को निलंबित कर दिया गया है और उनके साथ सात अन्य लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। खड़क पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, व्हिजन प्रॉपर्टी की ओर से राजेंद्र रामचंद्र विद्वांस, ऋषिकेश माधव विद्वांस, मंगल माधव विद्वांस, विद्यानंद अविनाश पुराणिक, जयश्री संजय एकबोटे और हेमंत गावंडे के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। शिकायत नायब तहसीलदार प्रवीणा बोर्डे ने दर्ज कराई है।

EOW टीम ने अब इस मामले में जिलाधिकारी कार्यालय, प्रांताधिकारी कार्यालय, मुद्रांक शुल्क और महसूल विभाग से दस्तावेज इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि घोटाले की पूरी जांच की जा सके।

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