Pimpri-Chinchwad-Bhosari Assembly Election 2024 | पिंपरी, चिंचवड और भोसरी इन निर्वाचन सीटों पर महायुति के उम्मीदवार तय; मविआ में पेंच बरकरार; निर्वाचन क्षेत्र में दोस्ताना लड़ाई होने की संभावना

पिंपरी : Pimpri-Chinchwad-Bhosari Assembly Election 2024 | पिंपरी, चिंचवड और भोसरी निर्वाचन क्षेत्रों से भाजपा के उम्मीदवार तय हो गए है. लेकिन खबर है कि महाविकास आघाडी में इन सीटों को लेकर अभी तक पेंच फंसा हुआ है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. महायुति के अजीत पवार राष्ट्रवादी ने पिंपरी से विधायक अण्णा बनसोडे, भाजपा ने चिंचवड से शंकर जगताप और भोसरी से मौजूदा विधायक महेश लांडगे के उम्मीदवारी की घोषणा की है. (Pimpri-Chinchwad-Bhosari Assembly Election 2024)
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महाविकास आघाडी के तीनों पार्टियों की उम्मीदवारी की पहली सूची जाहिर की गई है. इनमें पिंपरी –चिंचवड का एक भी निर्वाचन क्षेत्र शामिल नहीं है. कांग्रेस को शहर का एक भी निर्वाचन क्षेत्र मिलने की संभावना नहीं है. महाविकास आघाडी के शरद पवार राष्ट्रवादी ने इन तीनों निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है. जबकि शिवसेना ठाकरे पार्टी ने पिंपरी और भोसरी पर दावा किया है.
पिंपरी निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व नगरसेविका सुलक्षणा शीलवंत की उम्मीदवारी निश्चित मानी जा रही है. अण्णा बनसोडे को हराने के लिए आक्रमक, सक्षम चेहरा देने की मांग की बात सामने आई है. राष्ट्रवादी अजीत पवार गुट के पूर्व नगरसेवकों ने प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल से गुरुवार की रात मुलाकात की.
भाजपा की पूर्व नगरसेविका, स्थायी समिति की पूर्व अध्यक्षा सीमा सावले ने उम्मीदवार बनाने की मांग की है. ऐसे में दोनों में से किसे उम्मीदवारी दी जाए इसका रास्ता नहीं निकल पाया है.
चिंचवड से शरद पवार के राष्ट्रवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने को पूर्व नगरसेवक राहुल कलाटे इच्छुक है. कलाटे, नाना काटे, चंद्रकांत नखाते ने कहा है कि ‘आप जो उम्मीदवार देंगे, उसके लिए काम करने का वादा शरद पवार से किया है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि यह सीट किसके लिए छोड़ी जाएगी.
भोसरी से शिवसेना ठाकरे गुट में भाजपा से प्रवेश करने वाले रवि लांडगे इच्छुक है. जबकि अजीत पवार के राष्ट्रवादी से शरद पवार के राष्ट्रवादी में आए अजीत गवाणे भी तूरही से लड़ने की चाह में है. ऐसे में इन निर्वाचन क्षेत्रों में पेंच फंस गया है. लेकिन जानकारी मिली है कि इसका रास्ता निकाला जा रहा है. रास्ता नहीं निकलने पर तीनों में से एक निर्वाचन क्षेत्र में दोस्ताना लड़ाई होने की संभावना जताई जा रही है.
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